राम मंदिर के उद्घाटन: धीरेंद्र शास्त्री का दृष्टिकोण
अयोध्या में भव्य रूप में बने राम मंदिर के उद्घाटन को बागेश्वर धाम के प्रमुख, धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुत्व की एक महान जीत के रूप में दर्शाया। उन्होंने इसे दीपावली से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया, स्पष्ट करते हुए कि राम की जीवन शैली और मूल्य समाज के लिए गुरु मानी जानी चाहिए, न कि राजनीति के रूप में।
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि भगवान राम का संदेश हमें एकता, मर्यादा और संप्रभुता की ओर ले जाता है। राजनीतिक बहसों को वे मूर्खता मानते हैं, और सामाजिक एवं धार्मिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहने की आवश्यकता को महत्वपूर्ण समझते हैं।
एक सामाजिक महोत्सव की भावना
धीरेंद्र शास्त्री ने जोड़ते हुए कहा कि यह उत्सव सिर्फ भारतीयों के लिए ही नहीं है, बल्कि भारत के सभी अनुयायी जो विदेशों में रहते हैं, उनके लिए भी है। उन्होंने सामाजिक समरसता के महत्व को जताया और बताया कि इस उत्सव में हर व्यक्ति को भाग लेने का मौका मिलना चाहिए।
धर्म और राजनीति के संबंध
धीरेंद्र शास्त्री ने मथुरा और ज्ञानवापी के स्थानों को उठाकर कहा कि यहां के ऐतिहासिक स्थलों का सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने संविधान और न्याय प्रणाली के महत्व को भी उजागर किया, और यह बताया कि भारत में सभी धर्मों का समान और न्यायपूर्ण स्थान है।
इस प्रकार, धीरेंद्र शास्त्री ने राम मंदिर के उद्घाटन को एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक घटना के रूप में देखा और समाज को इस अवसर का सम्मान करने की आवश्यकता को समझाया।
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